
बिहार चुनाव से पहले, चुनाव आयोग ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए लंबे समय से निष्क्रिय, गैर-मान्यता प्राप्त 474 पंजीकृत दलों को अपनी सूची से हटा दिया है।
इनमें से सबसे ज़्यादा 121 दल अकेले उत्तर प्रदेश से हैं, जबकि 44 महाराष्ट्र, 42 तमिलनाडु, 40 दिल्ली और 15 बिहार से हैं। आयोग ने इन दलों पर यह कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि आयोग में सूचीबद्ध होने के बावजूद इन्होंने पिछले छह सालों से कोई चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग के नियमों के अनुसार, अगर कोई पंजीकृत दल छह साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसका नाम सूची से हटा दिया जाता है।
चुनाव व्यवस्था को पारदर्शी बनाने में जुटे आयोग ने वित्तीय अनियमितताओं और अन्य गड़बड़ियों के चलते 359 और पंजीकृत दलों की पहचान की है, जिनकी जाँच चल रही है। आयोग द्वारा दिए गए संकेतों के आधार पर जल्द ही इन दलों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
आयोग ने इससे पहले 9 अगस्त, 2025 को 334 दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया था। आयोग के इस फैसले के साथ ही देश में गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों की संख्या अब घटकर 2046 रह गई है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग में सूचीबद्ध होने पर पंजीकृत दलों को चुनाव चिन्ह, कर छूट और चुनावी सुविधाओं आदि जैसे कई लाभ मिलते हैं।