खबरपंजाबराजनीतिराज्य

पंजाब सहित कई राज्यों में डीएपी की मांग के मुकाबले कम बिक्री

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में रबी सीजन में 4.5 लाख टन डीएपी की आवश्यकता है जिसके मुकाबले 1 अक्तूबर से 26 नवंबर के दौरान 3.46 लाख टन डीएपी की उपलब्धता रही और 2.85 लाख टन डीएपी की बिक्री पंजाब में हुई।

रबी सीजन में बुवाई के लिए महत्वपूर्ण काम्प्लेक्स उर्वरक डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) की बिक्री कई राज्यों में मांग के मुकाबले काफी कम रही है। डीएपी की किल्लत और किसानों की लंबी लाइनें लगने की खबरों के बीच अब सरकारी आंकड़ों से भी डीएपी की कमी की पुष्टि होने लगी है।

राज्य सभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने डीएपी की किल्लत के बारे में सवाल पूछा था। इसके लिखित जवाब में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में डीएपी की मांग, उपलब्धता और बिक्री का ब्यौरा दिया है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में रबी सीजन में 4.5 लाख टन डीएपी की आवश्यकता है जिसके मुकाबले 1 अक्तूबर से 26 नवंबर के दौरान 3.46 लाख टन डीएपी की उपलब्धता रही और 2.85 लाख टन डीएपी की बिक्री पंजाब में हुई। पंजाब के मुकाबले हरियाणा में डीएपी की उपलब्धता अपेक्षाकृत बेहतर रही है। हरियाणा में रबी सीजन में 2.60 लाख टन डीएपी की आवश्यकता आंकी गई है जिसमें से 26 नवंबर तक 2.36 लाख टन डीएपी की उपलब्धता रही और 2.17 लाख टन डीएपी की बिक्री हुई।

उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के आंकड़े भी इन राज्यों में डीएपी कम बिक्री को दर्शाते हैं। मध्यप्रदेश में रबी सीजन में कुल 8 लाख टन डीएपी की आवश्यकता है जबकि उपलब्धता 4.51 लाख टन और बिक्री 3.43 लाख टन डीएपी की हुई। उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन की सीजनल मांग के मुकाबले 26 नवंबर तक 8.98 लाख टन डीएपी उपलब्धता रही और 7.18 लाख टन डीएपी की बिक्री हुई। राजस्थान में 3 लाख टन डीएपी की मांग के मुकाबले रबी सीजन में 26 नवंबर तक 2.76 लाख डीएपी की उपलब्धता रही जिसमें से 2.34 लाख टन डीएपी बेचा गया।

पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में डीएपी की मांग के मुकाबले उपलब्धता और बिक्री काफी कम रही है। हालांकि, सरकार और फर्टिलाइजर इंडस्ट्री का दावा है कि देश में डीएपी की कोई किल्लत नहीं है और किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस बीच, डीएपी की बजाय अन्य मिश्रित उर्वरकों जैसे एनपी/एनपीके की खपत बढ़ी है।

केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि किसानों को डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने जरूरत के आधार पर एनबीएस सब्सिडी दरों के अलावा डीएपी पर विशेष पैकेज प्रदान किए हैं। खरीफ 2024 के दौरान डीएपी की प्रति टन सब्सिडी 21676 रुपये थी जबकि रबी 2024-25 के दौरान डीएपी की प्रति टन सब्सिडी 21911 रुपये तय की गई है। वर्ष 2024-25 में, सरकार ने एक अप्रैल से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि के लिए डीएपी की वास्तविक पीओएस बिक्री पर एनबीएस दरों के अतिरिक्त डीएपी पर एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। यह पैकेज पीएंडके उर्वरक कंपनियों को 3500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से दिया जाएगा। इस पैकेज पर लगभग 2625 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button