
सड़कों पर भिखारियों की बढ़ती संख्या को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकारी आदेशों के बाद, अमृतसर प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है। आज (गुरुवार) अमृतसर के गोल्डन गेट इलाके में घूम रहे कई भिखारियों और उनके बच्चों को हिरासत में लिया गया।
इस अभियान के दौरान, प्रशासन और पुलिस ने विशेष रूप से उन भिखारियों को पकड़ा जो छोटे बच्चों के साथ भीख मांग रहे थे। आशंका है कि इन बच्चों का शोषण किया जा रहा हो या वे उनके असली रिश्तेदार न हों। ऐसे मामलों में, बच्चों का डीएनए परीक्षण कराया जाएगा ताकि पता लगाया जा सके कि वे वास्तव में उनके माता-पिता हैं या नहीं।
पंजाब सरकार के सभी उपायुक्तों को आदेश
पंजाब सरकार ने सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों के संबंध में एक सख्त फैसला लिया है। सभी जिलों के उपायुक्तों को ऐसे बच्चों का डीएनए परीक्षण कराने का निर्देश दिया गया है जो संदिग्ध परिस्थितियों में भीख मांगते देखे जाते हैं। ऐसा संदेह है कि कई मामलों में ये बच्चे अपने माता-पिता के नहीं होते और मानव तस्करी या जबरन मजदूरी के शिकार हो सकते हैं।
निगरानी के लिए राज्य में 81 टीमें गठित
इस अभियान के तहत राज्य में 81 टीमें गठित की गई हैं, जो 8 जिलों के हॉटस्पॉट क्षेत्रों की निगरानी करेंगी। यह अभियान सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस के सहयोग से चलाया जा रहा है। डीएनए परीक्षण रिपोर्ट से पता चलेगा कि बच्चे और उपस्थित वयस्कों के बीच कोई जैविक संबंध है या नहीं। यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।