
पंजाब में मॉक ड्रिल को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसमें बताया जा रहा है कि सरकार ने कल से पंजाब में ब्लैकआउट करने का फैसला किया है।
पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में कल एक और मॉक ड्रिल होगी। आपको बता दें कि सेना कल शाम गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में मॉक ड्रिल करेगी। आपको बता दें कि सेना द्वारा यह नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल कल शाम सीमावर्ती राज्यों में किसी भी संभावित खतरे को देखते हुए आयोजित की जाएगी।
जिस तरह पहले शाम को ब्लैकआउट किया गया था और युद्ध सायरन बजाए गए थे, उसी तरह कल भी अभ्यास दोहराया जा सकता है।
यह नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल पंजाब के 6 सीमावर्ती जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, फिरोजपुर, पठानकोट, तरनतारन और फाजिल्का में आयोजित की जाएगी।
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास क्या है…
मॉक ड्रिल एक तरह का “अभ्यास” है जिसमें हम देखते हैं कि कोई आपात स्थिति (जैसे हवाई हमला या बम हमला) होने पर आम जनता और प्रशासन कैसे और कितनी जल्दी प्रतिक्रिया करते हैं।
ब्लैकआउट अभ्यास का अर्थ है एक निश्चित अवधि के लिए पूरे क्षेत्र की लाइटें बंद कर देना। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि यदि कोई दुश्मन देश हमला करता है तो अंधेरे में उस क्षेत्र की सुरक्षा कैसे की जा सकती है। इससे दुश्मन के लिए निशाना साधना मुश्किल हो जाता है।
7 मई को देश के 244 शहरों में 12 मिनट के लिए ब्लैकआउट किया गया।
7 मई को देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 244 शहरों में 12 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। गृह मंत्रालय ने इन शहरों को नागरिक सुरक्षा ज़िलों के रूप में सूचीबद्ध किया था।
ये सामान्य प्रशासनिक ज़िलों से अलग थे। इसमें लोगों, कर्मचारियों, छात्रों को आपातकालीन स्थितियों में बचाव और निकासी के तरीके समझाए गए।
देश के कुल 259 नागरिक सुरक्षा ज़िलों को उनके महत्व या संवेदनशीलता के आधार पर 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है। श्रेणी 1 में वे ज़िले शामिल हैं जो सबसे अधिक संवेदनशील हैं। ऐसे कुल 13 ज़िले हैं।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नरोरा परमाणु संयंत्र की उपस्थिति के कारण इसे श्रेणी 1 ज़िले में रखा गया है। इसी प्रकार, श्रेणी 2 में 201 जिले और श्रेणी 3 में 45 जिले हैं।