
हाल ही में, एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूज़र्स ने अपने फ़ोन की कॉल और डायलर सेटिंग्स में अचानक बदलाव देखा। कॉल रिसीव या डायल करने का इंटरफ़ेस बिना किसी चेतावनी के बदल गया, जिससे कई लोग हैरान रह गए।
सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स ने इसे हैकिंग से जोड़ा, तो कुछ ने सरकारी निगरानी का शक जताया। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि आपके स्मार्टफ़ोन में इस बदलाव के पीछे क्या सच्चाई है?
कई एंड्रॉइड यूज़र्स ने देखा कि उनके फ़ोन की कॉल स्क्रीन का डिज़ाइन अचानक बदल गया है। इनकमिंग कॉल का इंटरफ़ेस भी बदल गया है।
कॉल हिस्ट्री और डायलर विकल्पों में भी बदलाव देखे गए। हैरानी की बात यह थी कि यूज़र्स ने अपनी तरफ़ से कोई सेटिंग नहीं बदली थी, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X और फ़ेसबुक पर कई यूज़र्स ने इस अचानक बदलाव पर सवाल उठाए। उन्होंने अनुमान लगाया कि क्या उनके फ़ोन हैक हो गए हैं या किसी एजेंसी ने उन पर नज़र रखनी शुरू कर दी है। कुछ लोगों ने मज़ाक में लिखा कि यह सॉफ़्टवेयर अपने आप इंस्टॉल हो जाएगा और तोते की तरह हमारे ख़िलाफ़ बोलेगा। कुछ यूज़र्स ने स्पष्ट किया कि यह एक सामान्य अपडेट है, जिसे कंपनी समय-समय पर जारी करती रहती है।
गूगल ने अपडेट की जानकारी दी
गूगल ने मई 2025 में घोषणा की थी कि वह ‘मटेरियल 3डी एक्सप्रेसिव’ नाम से एक बड़ा अपडेट जारी करने जा रहा है। इस अपडेट का उद्देश्य यूज़र इंटरफ़ेस को आसान, तेज़ और ज़्यादा सुरक्षित बनाना है।
कॉलिंग ऐप में बदलाव: ‘हाल के कॉल’ और ‘पसंदीदा’ विकल्पों को हटाकर ‘होम’ के साथ मिला दिया गया है।
नया कॉल इतिहास: अब कॉल इतिहास समय के अनुसार दिखाई देगा, जिससे बार-बार कॉन्टैक्ट्स खोजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
इनकमिंग कॉल स्क्रीन अपडेट: नया डिज़ाइन इसलिए लाया गया ताकि फ़ोन जेब से निकालते समय गलती से कॉल रिसीव/कट न हो जाए।
बिना अनुमति के सेटिंग्स बदलने का क्या कारण है?
कई यूज़र्स ने सवाल उठाया कि बिना अनुमति के उनके फ़ोन में यह अपडेट कैसे आया। दरअसल, इसकी वजह गूगल प्ले स्टोर का ऑटो-अपडेट विकल्प है। अगर किसी यूज़र ने यह सुविधा चालू की है, तो ऐप्स अपने आप अपडेट हो जाते हैं। इसी वजह से कई यूज़र्स को अचानक नया इंटरफ़ेस दिखाई देने लगा।
क्या पुरानी सेटिंग्स को रीस्टोर किया जा सकता है?
गूगल और मोबाइल कंपनियों का कहना है कि अगर यूज़र्स को नया डिज़ाइन पसंद नहीं आता है, तो वे सेटिंग्स में जाकर ‘अनइंस्टॉल अपडेट्स’ विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा, आप प्ले स्टोर में जाकर ऑटो-अपडेट्स को बंद भी कर सकते हैं।