
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन आज मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ के दौरान किसानों को हुए नुकसान के लिए मुआवज़े की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 26 से 33 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त फसलों के लिए किसानों को प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाएगा। इसी प्रकार, 75 से 100 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त फसलों के लिए किसानों को 20 हज़ार रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाएगा। बाढ़ पीड़ितों के बारे में बोलते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जो ज़मीनें बह गई हैं, उन्हें हम वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन उन ज़मीनों के मालिकों को 47,500 रुपये प्रति एकड़ देंगे। वहीं, रेत से भरे खेतों की सफाई के लिए किसानों को 7200 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएँगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुआवज़ा दिवाली से पहले 15 अक्टूबर से दिया जाएगा।
अमन अरोड़ा ने नदियों की सफ़ाई न होने के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया, तो विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ रोकने के लिए किए गए प्रबंधों की नाकामी पर सवाल उठाए। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बाजवा पर धुस्सी बाँध के अंदर ज़मीन ख़रीदकर रेत बेचने का आरोप लगाया। विधायक राणा गुरजीत सिंह और मनप्रीत सिंह अयाली ने बाढ़ के कारणों की जाँच और भविष्य में उनकी रोकथाम के लिए सदन की एक कमेटी बनाने की माँग की। जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि राज्य सरकार अगले साल 31 मार्च तक 76 प्रतिशत खेतों तक नहरी पानी पहुँचा देगी।