
पंजाबी अभिनेता-गायक राजवीर जवंदा पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। राजवीर का अंतिम संस्कार लुधियाना जिले के उनके पैतृक गाँव पोना के सरकारी स्कूल के प्रांगण में किया गया। इस अवसर पर उनकी माँ और पत्नी समेत वहाँ मौजूद सभी लोगों के आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। सभी की आँखें नम थीं। राजवीर जवंदा के जाने से पंजाबी संगीत जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है।
बता दें कि पंजाबी अभिनेता-गायक राजवीर जवंदा का 27 सितंबर को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के 11 दिन बाद बुधवार, 8 अक्टूबर को निधन हो गया।
जवंदा का पार्थिव शरीर बुधवार को मोहाली के सेक्टर 71 स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया ताकि उनके प्रशंसक और साथी कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें और इसके बाद देर रात उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गाँव पोना लाया गया, जहाँ अंतिम संस्कार की रस्में पूरी होने के बाद आज उनका अंतिम संस्कार किया गया।
35 वर्षीय कलाकार राजवीर जवंदा को कल सुबह 10.55 बजे मृत घोषित कर दिया गया। दोपहर लगभग 12:30 बजे जारी एक आधिकारिक बयान में, फोर्टिस अस्पताल ने पुष्टि की कि जवंदा का निधन कई अंगों के काम करना बंद करने के कारण हुआ।
लुधियाना के जगराओं के पोना गाँव के रहने वाले जवंदा अपने गीतों “तू दिस पयंदा”, “खुश रह कर”, “सरनेम”, “आफरीन”, “लैंडलॉर्ड”, “डाउन टू अर्थ” और “कंगनी” के लिए भी जाने जाते थे। जवंदा ने गिप्पी ग्रेवाल के साथ 2018 में पंजाबी फिल्मों “सूबेदार जोगिंदर सिंह”, 2019 में “ज़िंद जान” और 2019 में “मिंडो तसीलदारनी” में काम किया था।