किसानों ने तीन घंटे तक रोकी ये ट्रेन, अब 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान
प्रदर्शनकारी किसानों ने गुरदासपुर में मोगा, फरीदकोट, कादियान और बटाला; जालंधर में फिल्लौर; होशियारपुर में टांडा, दसूया, माहिलपुर; फिरोजपुर में मक्खू, तलवंडी भाई; लुधियाना में साहनेवाल; पटियाला में शंभू; मोहाली; संगरूर में सुनाम और लहरा, बठिंडा में रामपुरा फूल और अमृतसर में देवीदासपुरा सहित कई स्थानों पर रेल मार्ग अवरुद्ध किया.
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अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केंद्र पर दबाव बनाने के लिए अपने तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध के तहत बुधवार को रेल पटरियों पर धरना दिया. ‘रेल रोको’ का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया था. किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान दोपहर 12 बजे से अपराह्न 3 बजे तक कई स्थानों पर रेल पटरियों पर बैठे रहे. इससे ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहीं. अब किसान मजदूर मोर्चा और SKM गैर राजनीतिक ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया है.
पीटीआई के मुताबिक प्रदर्शनकारी किसानों ने गुरदासपुर में मोगा, फरीदकोट, कादियान और बटाला; जालंधर में फिल्लौर; होशियारपुर में टांडा, दसूया, माहिलपुर; फिरोजपुर में मक्खू, तलवंडी भाई; लुधियाना में साहनेवाल; पटियाला में शंभू; मोहाली; संगरूर में सुनाम और लहरा, बठिंडा में रामपुरा फूल और अमृतसर में देवीदासपुरा सहित कई स्थानों पर रेल मार्ग अवरुद्ध किया. जम्मू से सियालदह जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस, अमृतसर से मुंबई जाने वाली दादर एक्सप्रेस और नई दिल्ली से अमृतसर जाने वाली शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस को लुधियाना रेलवे स्टेशन के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर रोक दिया गया. नई दिल्ली से अमृतसर आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस को खन्ना रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया.
प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, “हम सरकार से एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.” बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके दिल्ली मार्च को रोक दिया था.
पिछले तीन हफ्तों से पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं, ताकि केंद्र पर आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके, जिसमें फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी भी शामिल है. 101 किसानों के एक “जत्थे” ने 6 दिसंबर, 8 दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने के तीन प्रयास किए. हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया. फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय” की मांग कर रहे हैं. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है.