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इज़रायल और हिजबुल्लाह ने लेबनान में जारी संघर्ष रोकने के लिए युद्धविराम समझौते पर दस्तख़त किए

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समझौते की घोषणा की है, जिसके तहत इज़रायल को अगले 60 दिनों के भीतर लेबनान से सेना वापस बुलाने के लिए कहा गया है.

नई दिल्लीः इज़रायल ने लेबनानी हथियारबंद समूह हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इज़रायल पिछले एक साल से फिलिस्तीन पर हमले कर रहा है, और पिछले कुछ समय से वह लेबनान पर भी हमले कर रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समझौते की घोषणा करते हुए कहा कि लेबनान के समयानुसार सुबह 4 बजे जारी संघर्ष समाप्त हो जाएंगे. माना जा रहा है कि इस संघर्ष विराम की मध्यस्थता अमेरिका और फ्रांस ने की है.

यह समझौता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के अनुसार हुआ है, जिसमें इज़रायल को अगले 60 दिनों के भीतर लेबनान से सेना वापस बुलाने के लिए कहा गया है.

बाइडेन ने कहा कि लेबनान की सेना को देश के दक्षिणी क्षेत्र का नियंत्रण लेना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिजबुल्लाह अपनी सेना का पुनर्निर्माण नहीं करेगा. हिजबुल्लाह को अपनी सेना को इज़रायल की सीमा से लगभग 30 किलोमीटर दूर लितानी नदी के उत्तर में ले जाना होगा.

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ‘संघर्ष विराम की अवधि इस पर निर्भर करेगा कि लेबनान में क्या होता है.’

अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना के अरबी भाषा के प्रवक्ता अविचाई अद्राई ने कहा है कि युद्धविराम लागू होने के बावजूद इजरायली सैनिक ‘दक्षिणी लेबनान के अंदर तैनात हैं.’

कहा जा रहा है कि इस संघर्ष विराम को औपचारिक रूप से मंजूरी देने के लिए बुधवार (27 नवंबर) को लेबनानी मंत्रिमंडल की बैठक होगी, जिसमें हिजबुल्लाह की राजनीतिक शाखा के सदस्य शामिल होंगे.

इस बीच, अमेरिका और फ्रांस ने इस संघर्ष विराम को पूरी तरह से लागू करने के लिए इजरायल और लेबनान के साथ काम करने का वादा किया है.

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना भी इस समझौते को लागू करने में सहायता करेगी.

बता दें कि गाजा पर युद्ध शुरू होने के बाद से लेबनान में इजरायली हमलों में कम से कम 3,823 लोग मारे गए हैं और 15,859 घायल हुए हैं.

बाइडेन ने यह भी कहा कि ‘अमेरिका आने वाले दिनों में इज़रायल और हमास के बीच युद्धविराम स्थापित करने के लिए एक और प्रयास करेगा.’

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