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पंजाब में अब सरपंचों को मिलेगा वेतन, पंजाब सरकार का बड़ा ऐलान

पंजाब सरकार ने आज चंडीगढ़ टैगोर थिएटर में पंचायत दिवस के अवसर पर एक समारोह का आयोजन किया, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने घोषणा की कि अब पंजाब सरकार द्वारा गाँव के सरपंचों को 2000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा।

पंजाब सरकार ने आज चंडीगढ़ टैगोर थिएटर में पंचायत दिवस के अवसर पर एक समारोह का आयोजन किया, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने घोषणा की कि अब पंजाब सरकार द्वारा गाँव के सरपंचों को 2000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा।

सरपंचों को शपथ ग्रहण के दिन से ही वेतन दिया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में पंचायत दिवस पर आयोजित एक समारोह में की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो बस शुरुआत है। हम जल्द ही दो हज़ार के आगे एक और शून्य जोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि पहले सरपंचों को 1200 रुपये दिए जाते थे। इसके बाद कुछ पंचायतें पैसे न मिलने पर अदालत चली गईं। इसके बाद सरकार ने 2019 में पेंशन बंद कर दी।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में 7 मुद्दे उठाए-

नशा मुक्त गाँवों को मिलेगा विशेष फंड- मुख्यमंत्री

साथ ही उन्होंने उन पंचायतों से अपील की कि सरकार ने नशे के खिलाफ जंग शुरू कर दी है। इसमें आपका सहयोग ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इसमें कई पंचायतों ने भी सहयोग किया है। जो गाँव नशामुक्त होगा, उसे विकास के लिए एक लाख रुपये का विशेष कोष दिया जाएगा।

अब सिख रेजिमेंट खतरे में है, युवा नहीं मिल रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख रेजिमेंट खतरे में है। पंजाब में भर्ती के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे। सेना के अधिकारी कहते हैं कि वे किसी और को मौका नहीं दे सकते। पंजाब जनरलों के लिए जाना जाता है। पंचायतों का सहयोग ज़रूरी होगा। अग्निवीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 18 साल की उम्र में भर्ती और 21 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति की व्यवस्था नहीं चल सकती।

पंचायत के प्रमाण पत्र के बाद भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने रजिस्ट्री की भाषा को सरल बनाया है। अब उर्दू के शब्दों को हटाकर पंजाबी में लिखा जाएगा, ताकि सारा काम आसानी से हो सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गाँव की संपर्क सड़कों को बेहतर बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इसमें ठेकेदार को तभी भुगतान किया जाएगा जब पंचायत यह प्रमाण पत्र देगी कि सड़क का निर्माण सही ढंग से हुआ है।

नरेगा योजना में बदलाव होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गाँवों में जब कोई और काम नहीं होगा, तब नरेगा योजना के तहत लोगों को काम दिया जाएगा। इससे लोगों को फायदा होगा। साथ ही, नरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों की सूची बनाई जाएगी ताकि गाँवों का सही मायने में विकास हो सके।

नहर के पानी का स्तर बढ़ने लगा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने शपथ ली थी, तब हम 21 प्रतिशत नहर के पानी का उपयोग कर रहे थे। इससे जल स्तर काफी नीचे चला गया था। वर्तमान में 65 प्रतिशत गाँव नहर के पानी का उपयोग कर रहे हैं। आज भी पाकिस्तान का पानी रोका गया है। हमने पहले भी रोका था। नहर के पानी में खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं। इससे भूमि की उर्वरता भी बढ़ेगी।

जहाँ भी पुलिया होगी, वहाँ रात में रोशनी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ भी पुलिया होगी, वहाँ रात में रोशनी होगी। क्योंकि कई जगहों पर कुदाल और मोटर दोनों का उपयोग किया जा रहा है। इससे कोई फायदा नहीं हो रहा है। पहले ज़्यादातर इलाके डार्क ज़ोन में थे। अब वहाँ जलस्तर एक मीटर बढ़ गया है।

मोटरवे पर पेड़ लगाने का प्रस्ताव पारित करें
मुख्यमंत्री ने सरपंचों से अपील की है कि जहाँ भी मोटरगाड़ियाँ हैं, वहाँ कम से कम चार पेड़ लगाने का प्रस्ताव पारित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगानगर में हमसे ज़्यादा पेड़ हैं, जबकि हम कहते हैं कि यह रेगिस्तान है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ क्यों कर रहे हो? साँस लेना मुश्किल हो गया है। इस बार हम गाँवों में बिजली, पानी और तालाबों की समस्या का समाधान करेंगे। अब हर गाँव में एक खेल का मैदान बनाया जाएगा।

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