
रील बनाने जैसी आधुनिक तकनीकी गतिविधियों ने गाँवों में सामाजिक तनाव पैदा करना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक ताज़ा मामला लखोके बेहराम थाना क्षेत्र के पीर के खानगढ़ गाँव में सामने आया है। यहाँ एक परिवार को रील बनाने का काम बंद करने की कीमत अपनी जान और माल गँवाकर चुकानी पड़ी।
शिकायतकर्ता वरयाम सिंह पुत्र बसीर सिंह, जो उसी गाँव का निवासी है, ने पुलिस को दिए अपने बयानों में बताया कि 16 अगस्त 2025 को शाम करीब साढ़े सात बजे जब वह अपने घर में था, तो अचानक कुछ लोग जबरन उसके घर में घुस आए और उस पर हमला कर दिया।
वरयाम सिंह ने बताया कि इस हमले में बूटा सिंह, उसका बेटा मिर्जा, करण, जस्सा, राजपाल, पुलिस के साथ-साथ कुछ महिलाएं शब्बू, काजल और रानो मुख्य रूप से शामिल थीं।
हमलावरों ने उसके घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी और बूटा सिंह चिल्लाते हुए वरयाम सिंह को पकड़ने के लिए कहने लगा। उसने बताया कि हमले का कारण यह था कि वरयाम सिंह ने उसके बेटे मिर्जा को रील बनाने से रोका था।
हमलावरों ने वरयाम सिंह के साथ मारपीट भी की। वरयाम सिंह के चिल्लाने पर हमलावर मौके से फरार हो गए। जाते समय उन्होंने वरयाम सिंह की पुत्रवधू कौशल के गहने, जिनमें एक चांदी की चेन, सोने की बालियाँ और एक सोने की अंगूठी शामिल थी, लूट लिए।