
पंजाब सरकार और हरयाणा सरकार के बीच जो पानी का विवाद चल रहा हे उसमे एक नया उपडेट सहमने आया हे बता दें कि पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार को एक नया नोटिस जारी किया है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि उसने भाखड़ा नहर के संचालन और रखरखाव के लिए हरियाणा को लगभग 113 करोड़ रुपये का बिल भेजा है। पंजाब के जल संसाधन विभाग ने जब आंतरिक ऑडिट कराया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
जानकारी के अनुसार, पता चला है कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2015-16 के बाद पंजाब को भाखड़ा नहर के संचालन और रखरखाव के लिए पैसा देना बंद कर दिया है। किसी भी सरकार ने इस पर गौर तक नहीं किया।
पंजाब के जल संसाधन विभाग ने अब हरियाणा के सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 113.24 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने को कहा है।
इसमें ‘भाखड़ा मेन लाइन नहर डिवीजन पटियाला’ का 103.92 करोड़ रुपये बकाया पाया गया है, जबकि ‘मानसा नहर डिवीजन जवाहर के’ का 9.32 करोड़ रुपये हरियाणा की ओर बकाया है। हरियाणा सरकार ने कभी भी इस राशि की प्रतिपूर्ति करना ज़रूरी नहीं समझा। हालाँकि, राजस्थान सरकार पंजाब को नियमित बकाया राशि का भुगतान कर रही है।
विवरण के अनुसार, भाखड़ा नहर के लिए 12,455 क्यूसेक पानी का आवंटन है, जिसमें से 7841 क्यूसेक पानी (63 प्रतिशत) हरियाणा का है, जबकि पंजाब का हिस्सा 3108 क्यूसेक (25 प्रतिशत) है।
इसी प्रकार, भाखड़ा नहर से राजस्थान का 7 प्रतिशत, दिल्ली का 4 प्रतिशत और चंडीगढ़ का एक प्रतिशत हिस्सा है। भाखड़ा नहर पंजाब से होकर गुजरती है, जिसके कारण इस नहर के संचालन और रखरखाव का खर्च पंजाब सरकार वहन करती है।