
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने मोहाली जिले में तैनात नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह धूत को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है। उन पर 10365 कनाल 19 मरला शामलात ज़मीन का अवैध रूप से म्यूटेशन पास करने का आरोप है।
सरकार ने इस मामले की जाँच एक जाँच अधिकारी (सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी.आर. बंसल) से करवाने के आदेश दिए हैं। जिन्होंने सभी आरोपों की पुष्टि की है। सुप्रीम कोर्ट और सरकार के आदेशों की अनदेखी कर निजी व्यक्तियों को लाभ पहुँचाया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व अनुराग वर्मा ने 24 फरवरी, 2025 को बर्खास्तगी आदेश जारी किया।
दिल्ली चुनाव के बाद, इस बार पंजाब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी सख्त है। भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर सबसे पहले श्री मुक्तसर साहिब के डीसी को निलंबित करने वाले 2016 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश त्रिपाठी थे। इसके बाद उनके खिलाफ विजिलेंस जाँच शुरू कर दी गई है।
इसी तरह, पुलिस विभाग में 52 कर्मचारियों को निलंबित किया गया। इसमें कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक शामिल थे। इन सभी पर ठीक से काम न करने का आरोप है। साथ ही, उनके खिलाफ मामले की शिकायत भी दर्ज कराई गई है।