
पंजाब सरकार ने राज्य में व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। ‘व्यापार का अधिकार अधिनियम’ में किए गए बड़े बदलावों के साथ, पंजाब अब देश के सबसे व्यापार-अनुकूल राज्यों में शामिल होने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। इस नई नीति के तहत, उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक सरकारी मंज़ूरियाँ अब केवल 5 दिनों से लेकर अधिकतम 18 दिनों के भीतर मिल जाएँगी, जिसमें पहले महीनों लग जाते थे।
पंजाब सरकार की यह नई नीति व्यवसायियों के लिए वरदान साबित होने वाली है। इस नीति के तहत, यदि कोई उद्योग पूर्व-चिह्नित औद्योगिक पार्क, औद्योगिक संपदा या सरकारी परियोजना क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है, तो उसे एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से केवल 5 दिनों में सभी आवश्यक मंज़ूरियाँ मिल जाएँगी। इस व्यवस्था से व्यवसायियों को विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी और उनका समय, पैसा और मेहनत बचेगी।
साथ ही, यदि कोई व्यवसाय औद्योगिक पार्क के बाहर किसी अन्य क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है, तो सभी विभागों की मंज़ूरी अधिकतम 18 दिनों के भीतर मिल जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि अगर सरकारी विभाग तय समय सीमा के अंदर मंज़ूरी नहीं देते हैं, तो कारोबारी को स्वतः ही ‘डीम्ड अप्रूवल’ यानी मान्यता प्राप्त मंज़ूरी मिल जाएगी। इससे लालफीताशाही और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
पंजाब सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य राज्य में निवेश बढ़ाकर युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से पंजाब को अब तक 1.25 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का निवेश मिल चुका है। इस निवेश से लगभग 4.5 लाख युवाओं को सीधा रोज़गार मिला है और आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ेगी।”
यह निवेश विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है – स्टील, ऑटोमोबाइल, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य, कपड़ा, लॉजिस्टिक्स और कृषि-व्यवसाय प्रमुख हैं। पंजाब की भौगोलिक स्थिति, दिल्ली से निकटता, अच्छा सड़क नेटवर्क और मेहनती युवाओं की उपलब्धता इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना रही है।
पंजाब में निवेश करने वालों में कई बड़ी और नामी कंपनियां शामिल हैं। हाल ही में दिल्ली में आयोजित ‘इन्वेस्ट पंजाब रोड शो’ में, आईटीसी, इन्फो एज (जो [Naukri.com](http://Naukri.com) चलाती है), हल्दीराम्स फ़ूड्स इंटरनेशनल, फ्रंटलाइन ग्रुप, एलटी फ़ूड्स, रिलायंस रिटेल और कई अन्य कंपनियों ने पंजाब सरकार के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक, इन्फोसिस, मोहाली में एक बड़ा प्रौद्योगिकी और विकास केंद्र स्थापित कर रही है। इस परियोजना में हज़ारों करोड़ रुपये का निवेश होगा और 5,000 से ज़्यादा युवाओं को सीधे तौर पर रोज़गार मिलेगा। पंजाब के युवाओं के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि अब उन्हें बेंगलुरु या हैदराबाद जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
देश की जानी-मानी हेल्थकेयर कंपनी फोर्टिस हेल्थकेयर ग्रुप पंजाब में लगभग 950 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इसके तहत नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और डायग्नोस्टिक सेंटर खोले जाएँगे, जिससे हज़ारों डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को रोज़गार मिलेगा।
पंजाब की नई व्यापार नीति को देखते हुए, 10 से ज़्यादा देशों की कंपनियाँ भी यहाँ निवेश कर रही हैं। इनमें अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की कंपनियाँ शामिल हैं। विदेशी निवेशक विशेष रूप से ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में रुचि दिखा रहे हैं।
24 क्षेत्रों के लिए विशेष समितियाँ गठित
पंजाब सरकार ने प्रत्येक प्रमुख उद्योग क्षेत्र के लिए अलग-अलग उद्योग विशेष समितियाँ गठित की हैं। ये समितियाँ 24 विभिन्न क्षेत्रों पर काम कर रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. इस्पात और धातु, 2. ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, 3. खाद्य प्रसंस्करण और कृषि-आधारित उद्योग, 4. आईटी और सॉफ्टवेयर, 5. स्वास्थ्य सेवा और फार्मा, 6. आतिथ्य और पर्यटन, 7. कपड़ा और परिधान, 8. लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग, 9. नवीकरणीय ऊर्जा (सौर और पवन), 10. इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण, 11. रियल एस्टेट और बुनियादी ढाँचा, 12. शिक्षा और कौशल विकास
प्रत्येक समिति में उद्योग विशेषज्ञ, सरकारी अधिकारी और व्यवसायी शामिल हैं, जो प्रारंभिक चरण में रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और सरकार को सुझाव दे रहे हैं। इससे प्रत्येक क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं को प्रारंभिक चरण में ही पूरा करने में मदद मिल रही है।
पंजाब सरकार ने लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को बड़ी राहत दी है। नए कानून के तहत, अब MSME कंपनियां स्वयं द्वारा दिए गए स्व-घोषणा पत्र के साथ अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगी। इसका मतलब है कि शुरुआती तीन वर्षों तक उन्हें सरकारी जाँच या निरीक्षण का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इसके अलावा, छोटे उद्यमियों के लिए कई कागजी प्रक्रियाओं को भी हटा दिया गया है। जहाँ पहले 15 से 20 प्रकार के प्रमाणपत्र और अनुमतियाँ लेनी पड़ती थीं, वहीं अब केवल 5 से 6 आवश्यक दस्तावेज़ ही पर्याप्त हैं। इससे छोटे दुकानदारों, वर्कशॉप संचालकों और गृह उद्योग से जुड़े लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
पंजाब में लगभग 3.5 लाख MSME इकाइयाँ हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इन्हें मज़बूत करना सरकार की प्राथमिकता है।
सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक बड़ा भूमि बैंक तैयार किया है, जिसमें राज्य भर में 50 हज़ार एकड़ से ज़्यादा ज़मीन उद्योग लगाने के लिए तैयार की गई है। यह ज़मीन प्रमुख राजमार्गों और शहरों के नज़दीक है, ताकि कनेक्टिविटी की कोई समस्या न हो।
वर्तमान में, राज्य में 78 औद्योगिक पार्क और एस्टेट हैं, जिनका उन्नयन किया जा रहा है। नए पार्क भी विकसित किए जा रहे हैं, खासकर लुधियाना, जालंधर, मोहाली, अमृतसर, पटियाला और बठिंडा जैसे बड़े शहरों के आसपास।