
पंजाब सरकार द्वारा कल इस योजना की घोषणा के बाद से ही लैंड पूलिंग नीति का लगातार विरोध हो रहा था, जिसके बारे में एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमें बताया जा रहा है कि पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग योजना को वापस ले लिया है।
बता दें कि पंजाब सरकार ने 14 मई को इस नीति की घोषणा की थी, जिसके बाद से इसका मामला उच्च न्यायालय में चल रहा था और उच्च न्यायालय ने 10 सितंबर तक इस पर रोक लगा दी थी।
बता दें कि आज भी किसान लैंड पूलिंग योजना का विरोध कर रहे थे। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि इस नीति में अनिवार्य सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन का अभाव है, भूमिहीन मजदूरों और अन्य प्रभावित वर्गों के पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं है, शिकायत निवारण तंत्र नहीं बनाया गया है और कोई समय-सीमा या बजट स्पष्ट नहीं किया गया है।
पिछले कुछ हफ्तों में, इस नीति के विरोध में किसान संघों, विपक्षी दलों और स्थानीय लोगों द्वारा ट्रैक्टर मार्च, घर-घर अभियान और प्रदर्शन किए गए। विरोधियों ने दावा किया कि यह योजना “भूमि हड़पने” का एक प्रयास है जिसका कृषि और किसानों के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
जनता के विरोध और कानूनी चुनौतियों के बीच, सरकार ने आखिरकार अपने फैसले को वापस लेने की घोषणा कर दी है। इस कदम को एक बड़े राजनीतिक झटके के तौर पर भी देखा जा रहा है।