एयर इंडिया दुर्घटना रिपोर्ट में पायलट के “फ्यूल कट-ऑफ” के उल्लेख पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान
AI 171 दुर्घटना के बाद 'पायलट की गलती' की कहानी को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने इस त्रासदी की स्वतंत्र जाँच की माँग वाली एक याचिका पर केंद्र और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से जवाब माँगा है।

AI 171 दुर्घटना के बाद ‘पायलट की गलती’ की कहानी को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने इस त्रासदी की स्वतंत्र जाँच की माँग वाली एक याचिका पर केंद्र और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से जवाब माँगा है।
अदालत ने विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो से भी जवाब माँगा है, जिसने जुलाई में 265 लोगों की जान लेने वाली इस त्रासदी के कारणों पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में कैप्टन सुमीत सभरवाल और प्रथम अधिकारी क्लाइव कुंदर के बीच हुई बातचीत का ज़िक्र था। रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉकपिट ऑडियो से पुष्टि होती है कि एक पायलट ने पूछा, “आपने विमान क्यों बंद कर दिया?” और दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया”। इससे यह अनुमान लगाया जाने लगा कि इस भयावह त्रासदी के पीछे पायलट की गलती थी।
विमानन सुरक्षा से जुड़े एक गैर-सरकारी संगठन, सेफ्टी मैटर्स फ़ाउंडेशन ने एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई है और यह नागरिकों के जीवन, समानता और सच्ची जानकारी तक पहुँच के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
जनहित याचिका में ईंधन स्विच दोष और विद्युतीय खराबी जैसी प्रणालीगत विसंगतियों को कम करके आंकने तथा दुर्घटना के लिए समय से पहले पायलट की गलती को जिम्मेदार ठहराने के लिए रिपोर्ट की भी आलोचना की गई।