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हमने सभी मछुआरों को ओडिशा सरकार के चक्रवात संबंधी दिशा-निर्देशों के बारे में सूचित कर दिया, झील के अंदर न जाएं मछुआरे

ओडिशा
​​​​​चक्रवात दाना के ओडिशा की ओर बढ़ने तथा 25 अक्टूबर की सुबह इसके पहुंचने की भविष्यवाणी के मद्देनजर राज्य सरकार ने चक्रवात के प्रभावों से निपटने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 24 से 26 अक्टूबर तक ओडिशा और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों में बालेश्वर, मयूरभंज, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर केंदुझार, जाजपुर, कटक और राज्य के ढेंकनाल, खोरदा और पुरी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है।

मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह- जिला मत्स्य अधिकारी
खोरदा जिला मत्स्य अधिकारी (जीव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) ने सरकार द्वारा की गई तैयारियों के बारे में बताया। जिला मत्स्य अधिकारी (जीव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) मनोरंजन दाश ने बताया कि मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, "हमने सभी मछुआरों को ओडिशा सरकार के चक्रवात संबंधी दिशा-निर्देशों के बारे में सूचित कर दिया है। उन्हें 26 अक्टूबर तक चिल्का झील के अंदर न जाने की सलाह दी गई है।"

आईएमडी के अनुसार, चक्रवात दाना के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 24 अक्टूबर की सुबह तक उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में तीव्र होने की संभावना है और 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पुरी और सागर द्वीप के बीच भीतरकनिका और धामरा (ओडिशा) के पास उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करेगा। इस दौरान हवा की गति 100-110 किमी प्रति घंटे से 120 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।

निपटने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे- अधिकारी
बालूगांव एनएसी (अधिसूचित क्षेत्र परिषद) के कार्यकारी अधिकारी ने खोरधा जिला मजिस्ट्रेट और गृह एवं शहरी विकास विभाग की तैयारियों के बारे में एएनआई से बात की। बालूगांव एनएसी के कार्यकारी अधिकारी प्राण नाथ सेठ ने कहा कि चक्रवात दाना के प्रभाव से निपटने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "खोरधा जिला मजिस्ट्रेट और गृह एवं शहरी विकास विभाग के निर्देशानुसार हमने चक्रवात दाना से निपटने के लिए हर संभव उपाय किए हैं। हम सभी लोगों को चक्रवात के दौरान चिल्का न जाने की चेतावनी दे रहे हैं। हमने जलभराव से बचने के लिए सभी नालों की सफाई कर दी है। हम चक्रवात का सामना करने के लिए तैयार हैं।"

चक्रवात के दौरान चिल्का झील में जाने से बचें
चिल्का के सहायक पंजीयक सहकारी समिति (एआरसीएस) ने कहा कि मछुआरा समाज की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। चिल्का के एआरसीएस उदयकर बेहरा ने कहा, "हमने सोसायटी के सभी मछुआरों को पत्र लिखकर सचेत किया है कि वे चक्रवात के दौरान चिल्का झील में जाने से बचें। मछुआरों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है…।" ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को तैयार रहने को कहा गया है। इसके अलावा सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की बचाव और राहत टीमों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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