उत्तर प्रदेशराज्य

हाथरस सत्संग में 121 श्रद्धालुओं की मौत मामले में बाबा नारायण साकार न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के हाथरस सत्संग में 121 श्रद्धालुओं की मौत मामले में बाबा नारायण साकार हरि गुरुवार को लखनऊ स्थित सचिवालय में न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए। इस दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था। वकील डॉ. एपी सिंह ने आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए बताया कि हाथरस में घटी दुखद घटना को लेकर बाबा नारायण साकार न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए। उनसे करीब 2 घंटे से अधिक समय तक बयान लिए गए। बयान लेने के बाद उनको वापस भेज दिया गया, अब उनको यहां पर पेश होने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने आगे बताया कि ऐसी घटना पहले भी बहुत हुई है, मक्का मदीना में भी हो चुका है, लेकिन सनातन धर्म सॉफ्ट टारगेट है, इसलिए यहां ज्यादा हो जाता है। हम चाहते हैं कि ऐसा मैकेनिज्म बनना चाहिए, जिससे भविष्य में दोबारा जो सनातन विरोधी या राज्य सरकार विरोधी हो, वो ऐसी साजिश में कामयाब नहीं हो सके। जो गाइडलाइन तैयार की जाएगी, उसको हम भी और सेवादार भी फॉलो करेंगे। उसको पुलिस और शासन-प्रशासन भी फॉलो करेगी।

वकील ने आगे बताया कि क्रिमिनल केस में चार्जशीट फायर हो चुकी है, 11 लोगों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और जो दूसरे एंगल पर जांच चल रही है, वो सही ढंग से हो रही है। एसपी हाथरस पर हमें पूरा भरोसा है। जो हमने 1,100 शपथ पत्र और देव प्रकाश मधुकर की तरफ से लिखित शिकायत दी है, उस पर पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। कोई भी दोषी नहीं बचना चाहिए और कोई निर्दोष फंसना नहीं चाहिए।

वकील ने हादसे को साजिश बताते हुए कहा कि घटना वाले दिन 15-16 युवकों ने जहरीला स्प्रे किया और वहां से भाग गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन जुलाई को हाथरस त्रासदी और भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था। इस हादसे में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, प्राण घातक हमला करने, गंभीर चोट पहुचाने, लोगों को बंधक बनाने, निषेध्याज्ञा का उल्लंघन करने और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।

इन पर यह भी आरोप था कि सत्संग में 80 हजार लोगों के जुटने की शर्त का उल्लंघन कर ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटाई गई। यातायात प्रबंधन में भी मदद नहीं की गई। मामले में पुलिस ने एक अक्टूबर को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। 3,200 पेज की इस चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था। घटना के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह को गिरफ्तार किया था।

गौरतलब है कि 2 जुलाई को सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। उनका काफिला निकालने के लिए सेवादरों ने भीड़ को रोक दिया था, इस दौरान उनकी चरण रज लेने की होड़ में लोग गिरते गए। इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button